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CBSE Class 7 Hindi Grammar अव्यय

 

CBSE Class 7 Hindi Grammar अव्यय

अव्यय वे शब्द हैं जिनके वाक्य में प्रयोग होने पर लिंग, वचन, पुरुष, काल, वाच्य आदि के कारण इनमें कोई परिवर्तन नहीं होता है। अव्यय के चार भेद होते हैं

  1. क्रियाविशेषण
  2. संबंधबोधक
  3. समुच्चयबोधक
  4. विस्मयादिबोधक

1. क्रियाविशेषण
जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, वे क्रियाविशेषण कहलाते हैं। क्रियाविशेषण के चार भेद हैं

  1. कालवाचक क्रियाविशेषण
  2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण
  3. रीतिवाचक क्रियाविशेषण
  4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण1. कालवाचक क्रियाविशेषण – जिस क्रियाविशेषण शब्द से क्रिया के काल यानी समय का पता चले उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं; जैसे- अंशु अभी गई है।

    2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण – जिस क्रियाविशेषण से क्रिया के होने के स्थान या दिशा के बारे में पता चले उसे स्थान वाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। इसका पता लगाने के लिए क्रिया के साथ कहाँ लगाकर प्रश्न किया जाता है; जैसे- हरियाली चारों ओर फैली है। हरियाली कहाँ फैली है-चारों ओर
    3. रीतिवाचक क्रियाविशेषण – जो शब्द क्रिया के होने की रीति या ढंग का बोध कराते हैं, उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं; जैसे-

    • घोड़ा तेज़ भाग रहा है।
    • भीड़ धीरे-धीरे बढ़ने लगी।

    4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण – जिस शब्दों से क्रिया के परिमाण (मात्री) का बोध हो, उन्हें परिणामवाचक क्रियाविशेषण कहते

    बहुविकल्पी प्रश्न

    1. क्रियाविशेषण किसे कहते है?
    (i) विशेषण की विशेषता बताने वाले शब्द
    (ii) क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द
    (iii) संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त शब्द
    (iv) सर्वनाम के स्थान पर प्रयुक्त शब्द।

    2. क्रियाविशेषण के कितने भेद होते हैं?
    (i) दो
    (ii) चार
    (iii) पाँच
    (iv) तीन

    3. स्थानवाचक क्रियाविशेषण शब्द है?
    (i) इधर-उधर
    (ii) सदा
    (iii) धीरे-धीरे
    (iv) उतना

    4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण का वाक्य कौन-सा नहीं है
    (i) घर में अचानक चोर आ गए।
    (ii) अंशु पूरा सप्ताह विद्यालय में अनुपस्थित रही
    (iii) नेहा धीरे-धीरे सीढ़ियाँ चढ़ गई।
    (iv) अध्यापिका की बात ध्यानपूर्वक सुननी चाहिए।

    5. कालवाचक क्रियाविशेषण बोध करवाते हैं?
    (i) क्रिया के होने के स्थान का
    (ii) क्रिया के होने की रीति का
    (iii) क्रिया की मात्रा या परिमाण का
    (iv) क्रिया के होने के समय का

    6. क्रिया के होने का समय बताने वाले क्रियाविशेषण …….. कहलाते हैं।
    (i) रीतिवाचक
    (ii) कालवाचक
    (iii) परिमाणवाचक
    (iv) स्थानवाचक

    उत्तर-
    1. (ii)
    2. (ii)
    3. (ii)
    4. (ii)
    5. (iv)
    6. (ii)

    2. संबंधबोधक
    जिन अव्ययों द्वारा संज्ञा या सर्वनाम का वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ संबंध जाना जाए, वे संबंधबोधक कहलाते हैं। संबंध बोधक शब्दों को काल, स्थान, दिशा, उद्देश्य, कारण, तुलना, विषय आदि के आधार पर कई भेदों में बाँटा जा सकता है। अधिकतर शब्द संज्ञा या सर्वनाम के साथ प्रयुक्त होते हैं। ये अव्यय शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के बाद आते हैं तथा उनका वाक्य के अन्य शब्दों से संबंध बताते हैं; जैसे- मेरे घर के पास मंदिर है। ये फल रोग के लिए है। कुछ अन्य संबंधबोधक शब्द के बाहर, के भीतर, की ओर, के सामने, के पीछे, के समान, की तरह, के अंदर, के आगे, के साथ, के विपरीत, की तरफ़ आदि। आइए, कुछ अन्य उदाहरण देखें

    अपने घर के बाहर सफ़ाई रखो।।
    सड़क के दोनों ओर घने पेड़ हैं।
    माता-पिता की सेवा के समान कोई धर्म नहीं।

    3. समुच्चयबोधक
    दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोड़ने वाले शब्द समुच्चयबोधक अथवा योजक कहलाते हैं; जैसे- निबंध अथवा पत्र लिखो।
    कोमल गाती है पर नाचती नहीं है।
    मैं बीमार थी इसलिए घूमने नहीं गई।
    जल्दी चलो ताकि समय पर पहुँच जाएँ।

    समुच्चयबोधक के भेद
    समुच्चयबोधक के दो भेद होते हैं

    • समानाधिकरण समुच्चयबोधक
    • व्यधिकरण समुच्चयबोधक

    1. समानाधिकरण समुच्चयबोधक – दो या दो से अधिक समान पदों, उपवाक्यों या वाक्यों को आपस में जोड़ने वाले शब्दों को समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहते हैं; जैसे- या, न बल्कि, इसलिए, और, तथा आदि; जैसे– आयुष व नेहा भाई बहन हैं।
    मैंने कोशिश तो की, लेकिन काम नहीं बना। रामायण तथा महाभारत काव्य हैं।
    उपर्युक्त वाक्यों में और, लेकिन, व, तथा दो समान पदों के उपवाक्यों तथा वाक्यों को जोड़ रहे हैं।

    2. व्यधिकरण समुच्चयबोधक – एक अथवा एक से अधिक आश्रित उपवाक्यों को आपस में जोड़ने वाले शब्द व्यधिकरण समुच्चयबोधक कहलाते हैं; जैसे- तथापि, यद्यपि, कि, क्योंकि, ताकि आदि। जैसे- अभी से परीक्षा की तैयारी करो, ताकि अच्छे अंक ला सको।

    4. विस्मयादिबोधक शब्द
    विस्मय + आदि = आश्चर्य तथा अन्य मनोभाव बोधक + ज्ञान कराने वाला।
    यानी मन के भावों (हर्ष, शोक, भय, उत्साह, घृणा आदि) का बोध कराने वाले शब्द।
    जो शब्द विस्मय, शोक, भय, घृणा, हर्ष आदि का बोध कराते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं।

    बहुविकल्पी प्रश्न

    1. हर्ष, शोक, घृणा, भय आदि का बोध कराने वाले शब्द कहलाते हैं
    (i) समुच्चयबोधक
    (ii) विस्मयादिबोधक
    (iii) क्रियाविशेषण
    (iv) संबंधबोधक

    2. इस (!) चिह्न को कहते हैं
    (i) प्रश्नसूचक
    (ii) विस्मयसूचक
    (iii) निषेधसूचक
    (iv) इनमें से कोई नहीं

    3. इनमें विस्मयबोधक शब्द के उदाहरण हैं
    (i) क्योंकि, या
    (ii) और, तथा
    (iii) हे! अरे !
    (iv) के नीचे, के ऊपर

    4. इनमें ‘भयसूचक’ भाव का उदाहरण है
    (i) बाप रे!
    (ii) छिः
    (iii) अरे!
    (iv) वाह!

    5. घृणा सूचक’ भाव का उदाहरण है
    (i) वाह!
    (ii) बाप रे!
    (iii) छिः
    (iv) अरे !

    6. ‘हर्षसूचक’ भाव का उदाहरण है
    (i) अहा!
    (ii) हाय!
    (iii) छिः
    (iv) अरे!

    उत्तर-
    1. (ii)
    2. (ii)
    3. (iii)
    4. (i)
    5. (iii)
    6. (i)

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